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हिंदी कहानियां - भाग 182

प्यार ने दिया जीवन का लक्ष्य


प्यार ने दिया जीवन का लक्ष्य   मैं जब 7वीं क्लास में पढ़ता था तब मुझे प्यार हुआ। मेरी क्लास में एक बहुत ही खूबसूरत लड़की पड़ती थी। उसे देखकर ही मुझे अपनी जिंदगी का असली लक्ष्य मिला। उस वक्त में पढ़ाई में काफी कमजोर था और वह अच्छे नंबर लाती थी। मैं उसे इंप्रेस करना चाहता था। उसे इंप्रेस करने का मुझे एक आइडिया आया। मैंने तय किया कि मैं भी अच्छे नंबर लेकर आऊंगा। उस दिन से मैं पूरे जी-जान से पढ़ाई मे जुट गया और अपने पढ़ाई लिखाई पर पूरा ध्यान देने लगा। मैं अच्छे नंबरों से पास हुआ और फर्स्ट आया। मेरे साथी और टीचर सभी मेरी प्रोग्रेस से हैरान और खुश थे। अगले सेशन में मुझे क्लास मॉनिटर बनाया गया। मैं अपने स्कूल में फेमस हो गया। एक दिन उस लड़की ने मेरी कॉपी मांगी और मेरी लिखाई देखकर काफी इंप्रेस हो गई। उस दिन पहली बार हमारी बात हुई। अगले दिन वह स्कूल टाइम से 30 मिनट पहले आ गई और मुझसे काफी बातचीत की। उस दिन से हम दोनों के बीच दोस्ती हो गई। कई साल बाद भी मैं उसे प्रोपोज नहीं कर पाया। जब मुझे पता चला कि वह काफी अमीर परिवार से है और काफी अच्छी फैमिली से है तो मैंने उसे अभी प्रोपज़ न करने का फैसला किया। मैं चाहता था कि मैं पहले उसके परिवार की हैसियत के बराबार बन जाऊं उसके बाद उसे अपने दिल की बात कहूं। इसलिए मैं गांव छोड़कर लखनऊ चला आया और एनडीए की तैयारी में जुट गया। अब मेरी जिंदगी का लक्ष्य है कि मैं यह परीक्षा पास कर लूं और फिर अपने प्यार का हासिल करूं। उसने मुझे मेरी जिंदगी का लक्ष्य दे दिया।

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